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निर्देश : नीचे दिए गए अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए |

माइकलएंजेलो इटली के बहुत प्रसिद्ध शिल्पकार थे | वे बड़ी सुंदर मूर्तियाँ बनाते थे | लोगों ने पूछा कि आप इतनी सुंदर मूर्ति कैसे गढ़ लेते हैं | उन्होने कहा कि मैं मूर्ति कहाँ गढ़ता हूँ | वह मूर्ति तो पहले से ही पत्थर में थी, मैंने तो सिर्फ पत्थर का फालतू हिस्सा हटा दिया तो मूर्ति प्रकट हो गयी ! तो विधार्थी को अपना परिचय पाने में, स्व-भान होने में मदद करना ही शिक्षक का काम है| अब यह स्व-भान कैसे हो? कहते हैं, सेल्फ़ इज़ लाइक अ रे – जो साइंस में माना जाता है कि प्रकाश की किरण अदृश्य होती है, वह आपको दिखाई देती अहि, वैसे हमारा जो ‘स्व’ है वह शून्य में,अभाव में समझ में नहीं आता | वह तब प्रकट होता है, जब मैं, स्व-धर्म कर्तव्य-कर्म करता हूँ | कर्म करते-करते मुश्किल का जब मैं सामना करता हूँ तब मेरा रूप, मेरी शक्ति, मेरे स्व का मुझे पता चलता है | स्व-धर्म रूप कर्म करते हुए जो स्व मेरे सामने व्यक्त होता है, वही मेरी शिक्षा है |इसलिए शिक्षा दी नहीं जा सकती, बल्कि अंदर से अंकुरित होती है और उस प्रक्रिया में शिक्षक केवल बाहर से मदद करता है | जैसे पौधे के अंकुरित होने में, इसके प्रफुल्लित होने में सीधा हम कुछ नहीं कर सकते | परंतु बाहर से खाद-पानी देना, निराई करना, प्रकाश की व्यवस्था आदि कर सकते हैं |

शिक्षक का काम है –

[CTET Dec 2018 Paper 2 SST(English - I, Hindi - II),CTET Dec 2018 Paper 2 Math & Science(English - I, Hindi - II)]
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